अव्यय, अविकारी और उसके भेद-अविकारी या अव्यय उन शब्दों को कहते हैं, जिनमें लिंग, वचन, कारक इत्यादि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता ।
जैसे—तुम धीरे-धीरे पढ़ते हो।
वह तेज दौड़ता है।
मैं अवश्य पढूँगा ।
वह ठीक कहता है।
तुमलोग आगे-पीछे हो जाओ।
ऐसा मत करो ।
यहाँ मोटे अक्षरवाले शब्द अव्यय हैं, क्योंकि इनमें कभी विकार या परितर्वन नहीं होता ।
अव्यय के चार भेद हैं— (1) क्रियाविशेषण, (2) संबंधवाचक, (3) समुच्चयवाचक और (4) विस्मयादिबोधक ।