संज्ञा – जो शब्द किसी वस्तु , स्थान , व्यक्ति अथवा भाव का बोध कराते हैं , वे ‘ संज्ञा ‘ कहलाते हैं ।
जैसे – मोहन , सीता , वृक्ष , फूल , बाग , बनारस , लखनऊ , घोड़ा , मनुष्य , ऊँचाई , प्रेम , योग्यता आदि ।
संक्षेप में कहें तो किसी नाम को संज्ञा कहते हैं । यह नाम व्यक्ति , जाति , द्रव्य , स्थान , गुण , धर्म किसी का भी हो सकता है ।
संज्ञा के प्रकार
व्यक्तिवाचक संज्ञा – जो शब्द किसी विशेष वस्तु , , विशेष स्थान , विशेष प्राणी या विशेष व्यक्ति के नाम का बोध कराते हैं , उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं ।
उदाहरण : मोहन , रमा , अशोक , कृष्ण , जवाहर , सीता , संतोष , प्रियांशु ( व्यक्ति ) ।टामी ( कुत्ता ) , ऐरावत ( हाथी ) , कपिला ( गाय ) , नीलकंठ ( चिड़िया ) , मोर ( प्राणी ) । दिल्ली , भारत , अमेरिका , मद्रास , आसाम ( स्थान ) । यमुना , हिमालय , गंगा , बाइबिल ( वस्तु ) ।
जातिवाचक संज्ञा – जो शब्द किसी प्राणी , पदार्थ या समूह की जाति का बोध कराते हैं , उन्हें ‘ जातिवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं।
जैसे : मनुष्य , कुत्ता , पर्वत , नगर , नदी , पुस्तक , फल , मुहल्ला , प्रांत , देश आदि । ध्यान देने योग्य है कि ‘ मनुष्य ‘ पूरी मानव जाति का द्योतक है , न कि एक मनुष्य का । ‘ पर्वत ‘ सभी पहाड़ों का प्रतिनिधि है , न कि किसी एक पहाड़ का , इसलिए इन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं
द्रव्यवाचक संज्ञा – जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत कुछ ऐसे शब्द आते हैं जो किसी पदार्थ या द्रव्य का बोध कराते हैं ।
जैसे – सोना , चाँदी , ऊन , लकड़ी , ताँबा आदि । इन पदार्थों की गणना नहीं हो सकती , केवल माप – तौल हो सकता है ।
समूहवाचक संज्ञा – जिस शब्द से किसी समूह या समुदाय का बोध होता है , उसे ‘ समूहवाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ।
जैसे – पुलिस , सेना , परिवार , कक्षा , सभा , भीड़ , झुंड आदि ।
भाववाचक संज्ञा – जो शब्द किसी भाव , दशा , गुण – धर्म , अवस्था या मानसिक संकल्पना का बोध कराते हैं , उन्हें ‘ भाववाचक संज्ञा ‘ कहते हैं ।
जैसे – सच्चाई , ऊँचाई , प्रेम , घृणा , बचपन , मोटापा , शीतलता , ईमानदारी , अंधकार , चढ़ाई , प्रार्थना आदि ।